मेरे प्यारे बच्चों, मैं तुमसे प्यार करती हूँ, मैं तुम्हें बुलाती हूँ, इसलिए आज से तुम लोगों से विनती है कि अपने दिल को भगवान् के लिए खोलो।
मैं तुम्हारे लिए मध्यस्थता करती हूँ, ताकि प्यार तुम्हारे दिलों में उंडेल दिया जाए! तभी तुम्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के प्रेम की शक्ति समझ आएगी।
मैं तुम लोगों को सुरक्षित रखती हूँ, और अपनी रोज़री पढ़ना जारी रखती हूँ। मैं तुमसे प्यार करती हूँ!
मैं तुम्हें पिता के नाम पर आशीर्वाद देती हूँ। पुत्र के नाम पर। और पवित्र आत्मा के नाम पर।"